भोपाल / ट्रेडिंग के नाम पर देशभर में हजारों लोगों से 2283 करोड़ रुपए की ठगी करने वाला श्बॉट-ब्रोश् (ठवज ठतव) गैंग रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की गाइडलाइन से 6 गुना ज्यादा ब्याज का लालच देता था। आरबीआई की गाइडलाइन है कि कोई भी वित्तीय संस्था अधिकतम 12.5ः सालाना ब्याज दे सकती है। लेकिन ये गैंग हर महीने 6-8ः तक मासिक ब्याज देने का दावा करती थी। कंपनी का सॉफ्टवेयर
50 बैंक खातों से गुजरे 100 करोड़
मदन मोहन कुमार व दीपक शर्मा आया है कि गैंग ने कंपनी के खाते से डायरेक्टर के पर्सनल खाते में भी ट्रांजेक्शन किए हैं, जो नियम विरुद्ध हैं।
आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस्ड है, जिस पर कोई भी निवेशक अपनी प्रोफाइल सर्च करता तो उसे उसकी रकम 6-8ः ज्यादा ही शो करवाई जाती थी। लोगों को झांसे में लेने के लिए देशभर में फैले इस गैंग
एआईजी एसटीएफ नवीन चैधरी ने बताया कि अब तक फ्रीज किए जा चुके करीब 100 करोड़ रुपए की ट्रेल खंगाली गई है। ये रकम भारत के करीब 50 बैंक खातों से होकर गुजरी है। अभी भी सैकड़ों बैंक खातों की पड़ताल जारी है। जांच में ये भी सामने के एजेंट यही सॉफ्टवेयर दिखाते थे। मप्र स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अब तक इस गैंग के दो ही आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई है। टीम को अभी इस गैंग के 16 अन्य सदस्यों की भी तलाश है।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में भी की ठगी
एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि ये गैंग इससे पहले असम, उप्र, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में में भी ठीक इसी तर्ज पर ठगी कर चुकी है। जल्द ही एसटीएफ इन राज्यों की एफआईआर भी देखकर उनके विवेचना अधिकारियों से बात करेगी। इसका मकसद यह है कि गैंग के बारे में हर बारीक से बारीक जानकारी एसटीएफ को मिल जाए। बता दें कि एसटीएफ ने शुक्रवार को दिल्ली से ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों दीपक शर्मा और मदन मोहन कुमार को गिरफ्तार किया था।