चंडीगढ़ | dr news india
चंडीगढ़ नगर निगम की 352वीं बैठक की शुरुआत से ही माहौल गरमा गया। कांग्रेस और आप पार्षदों ने मेयर और अधिकारियों को घेरते हुए कई मुद्दे उठाए, जिससे हंगामा शुरू हो गया।
पूर्व मेयर टिटा और पार्षद सोनकर में भिड़ंत
बैठक के दौरान मेयर कुलदीप कुमार टिटा ने कहा कि SC वर्ग की आवाज नहीं सुनी जा रही और उन्हें पीछे रखा जा रहा है। इस पर बीजेपी पार्षद मनोज सोनकर खड़े होकर विरोध जताने लगे। देखते ही देखते दोनों के बीच नोकझोंक गाली-गलौज तक पहुंच गई। शोर-शराबे के बीच कई महिला पार्षद बैठक छोड़कर बाहर निकल गईं।
कांग्रेस ने उठाया भर्ती घोटाले का मुद्दा
कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत ने बिना टेंडर के कर्मचारियों की भर्ती का मामला उठाया। विपक्ष ने मेयर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया।
करप्ट जेई को बचाने का आरोप
बीजेपी पार्षद सौरभ जोशी ने जॉइंट कमिश्नर से सवाल करते हुए कहा कि एक ही संस्था को बार-बार टेंडर क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक करप्ट जेई को बचाने की कोशिश की जा रही है।
रिश्वतखोरी पर बंटी का सवाल
सीनियर डिप्टी मेयर जसवीर बंटी ने आरोप लगाया कि नगर निगम कर्मचारी विकास ने इन्फोर्समेंट अधिकारियों पर हर महीने 6 लाख वसूली का आरोप लगाया था, लेकिन कार्रवाई के बजाय सिर्फ ट्रांसफर किया गया।
लावारिस शवों का मुद्दा
बंटी ने सवाल उठाया कि निगम को लावारिस शवों के संस्कार के लिए साढ़े तीन लाख रुपए दिए जाते हैं, लेकिन अब तक कोई संस्कार नहीं किया गया। पुलिस का दावा है कि यह खर्चा वे खुद करती है।
AAP पार्षद प्रेमलता का हंगामा
आप पार्षद प्रेमलता ने आरोप लगाया कि नगर निगम के पास फंड नहीं है, जबकि भाजपा कहती है कि पैसा आ चुका है। इस मुद्दे पर भी बैठक में जोरदार हंगामा हुआ।
महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा
बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं:
- दक्षिणी सेक्टरों में GIS आधारित सफाई व्यवस्था
- रामदरबार और मनीमाजरा में टूरिस्ट बसों के लिए पेड पार्किंग
- वी-3 सड़कों को प्रशासन को सौंपना
- डड्डूमाजरा में CBG प्लांट लगाना
- कंस्ट्रक्शन वेस्ट मैनेजमेंट सुविधा को ठेके पर देना
हालांकि, वी-3 रोड को प्रशासन को सौंपने का प्रस्ताव विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित हो गया।
👉 न्यूज सार:
- निगम बैठक में गाली-गलौज, महिलाएं छोड़कर निकलीं
- पूर्व मेयर टिटा और पार्षद सोनकर में भित
- भर्ती घोटाले, करप्शन और फंड की कमी पर आरोप-प्रत्यारोप
- लावारिस शवों के संस्कार का मुद्दा चर्चा में
- कई अहम प्रस्तावों पर लिए गए निर्णय