राजगढ़ / झुमका गांव के रहने वाले 72 साल के वृद्ध हरिप्रसाद जायसवाल ने अपने बेटों पर लगाए हैं। गंभीर आरोप लगाए हैं। हरिप्रसाद ने बताया कि 13 मई को नरसिंहगढ़ एसडीएम के कहने पर वे पेशी के बाद अपने घर झुमका लौटे थे, जैसे ही घर में घुसे, बेटे जितेंद्र, राकेश, पत्नी धापूबाई और बहू अंजनी ने उन्हें पकड़ लिया। चारों ने उन्हें जमीन पर पटककर पैर बांध दिए। राकेश ने मूसली से, धापूबाई ने लोहे की रॉड से पीटा। जितेंद्र ने करंट लगाया। चारों ने ट्रॉली और बक्खर बेचने पर नाराजगी जताई। हरिप्रसाद ने बताया कि वह खुद के पैसों से खरीदी गई चीजें बेच चुके थे, इसी बात से
परिजन नाराज थे। पिटाई के डर से वे बीते 18 दिनों से अपने घर नहीं लौटे हैं, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
हरिप्रसाद ने बताया कि 16 मार्च को वह अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर थाने में शिकायत देने गए थे। उसी दौरान उनके बेटे जितेंद्र (30) व राकेश (25) ने खेत की फसल काट ली। शाम को जानकारी मिलने पर वे थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उल्टा उन्हें ही धारा 151 में बंद कर दिया। चार दिन बाद छूटने पर उन्होंने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत बेटों को संपत्ति से बेदखल करने का मामला दायर किया था। इसी केस में वे पेशी करके 13 मई को अपने घर झुमका गांव लौटे थे।
, बेटे-बहू ने हाथ-पैर बांधे, करंट लगाया, लोहे की रॉड से रात भर पीटा, सफेद कागजों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए
सीसीटीवी कैमरे पहले से बंद कर दिए, हमीदिया अस्पताल में भर्ती हुए
हरिप्रसाद ने बताया कि घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे पहले से बंद कर दिए गए थे। अगले दिन चारों ने चैकीदार को बुलाकर 108 एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल पहुंचाया। वहां से भोपाल रेफर किया गया।